Saturday, June 23, 2012

सिंगुर की जमीन टाटा से हारीं ममता


सिंगुर में नैनो कार कारखाने के लिए अधिग्रहीत जमीन विवाद में कलकत्ता हाई कोर्ट ने शुक्रवार को बंगाल की ममता सरकार को बड़ा झटका दिया। हाई कोर्ट ने टाटा के पक्ष में फैसला सुनाते हुए सिंगुर भूमि पुनर्वास व विकास अधिनियम 2011 को असंवैधानिक बताकर निरस्त कर दिया। इसके साथ ही हाई कोर्ट की खंडपीठ ने एकल पीठ के फैसले को खारिज कर दिया। जमीन हस्तांतरण पर भी रोक लगा दी गई है। ममता सरकार ने भी देर न करते हुए मामले को सुप्रीम कोर्ट में ले जाने की घोषणा की है। कार परियोजना के लिए कुल अधिग्रहीत 997 एकड़ भूमि में से 400 एकड़ जमीन की टाटा से वापसी के लिए 14 जून, 2011 को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सिंगुर भूमि पुनर्वास व विकास अधिनियम विधानसभा में पास कराया था। जमीन का अधिग्रहण वाममोर्चा सरकार के कार्यकाल में हुआ था। भू अधिग्रहण के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस ने बड़ा आंदोलन चलाया जिसके चलते कारखाना शुरू नहीं हो पाया और टाटा ने गुजरात के साणंद में नैनो कार का उत्पादन शुरू किया। न्यायाधीश पिनाकी चंद्र घोष व मृणालकांति चौधरी ने 250 पन्नों के फैसले में कहा, संविधान की धारा 254 के तहत सिंगुर अधिनियम असंवैधानिक है। पीठ ने वर्ष 1894 के भूमि अधिग्रहण कानून का हवाला देते हुए कहा, जमीन अधिग्रहण संबंधी किसी भी प्रकार का कानून बनाने के लिए राष्ट्रपति का अनुमोदन अनिवार्य है लेकिन अनुमोदन प्राप्त नहीं किया गया। 28 सितंबर, 2011 को हाई कोर्ट की एकल पीठ के न्यायाधीश इंद्रप्रसन्न मुखर्जी के फैसले को खारिज करते हुए खंडपीठ ने कहा, सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार किसी भी अधीनस्थ कोर्ट के पास यह अधिकार नहीं है कि भूमि संबंधी किसी कानून में संशोधन कर मुआवजा देने का प्रावधान संलग्न करा सके। उल्लेखनीय है कि जज इंद्रप्रसन्न मुखर्जी ने सिंगुर एक्ट को पूर्णत: संवैधानिक व सही होने का फैसला सुनाया था। फैसला सुनाने वाली खंडपीठ में सिंगुर को लेकर कुल 34 मामले दायर किए गए थे। इनमें से दो टाटा मोटर्स व 32 वेंडरों की ओर से थे। दरअसल, सत्ता में आते ही ममता बनर्जी ने भूमि वापसी संबंधी अधिनियम बनाकर किसानों को उनकी जमीन लौटाने की प्रक्रिया काफी तेजी से लागू करने की कोशिश की थी। चंद रोज में ही हुगली जिला प्रशासन ने जमीन वापसी की प्रक्रिया शुरू कर दी थी लेकिन मामला कोर्ट में जाने से यह प्रक्रिया लटकी रह गई। संविधान विरोधी कानून बनाया : हाई कोर्ट भू-अधिग्रहण कानून संविधान की संयुक्त सूची में है, लिहाजा इस तरह कोई राज्य कानून नहीं बना सकता। सिंगुर एक्ट में राष्ट्रपति का अनुमोदन नहीं लिया गया। अत: यह संविधान विरोधी है। पूरी ताकत से लड़ेंगे किसानों की लड़ाई : ममता मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी कहा है कि ताजा फैसले से सरकार की इच्छा पर फर्क नहीं पड़ा है, वह पूरी ताकत से किसानों को न्याय दिलाने की लड़ाई लड़ेगी। मामले में बंगाल सरकार की पैरवी कर रहे अधिवक्ता व तृणमूल सांसद कल्याण बनर्जी ने साफ कर दिया कि फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की जाएगी।

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