Wednesday, February 15, 2012

दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र से मांगी सोशल साइट्स पर मुकदमे की अनुमति वाली रिपोर्ट


दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से फेसबुक, गूगल और याहू सहित 21 सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर मुकदमा चलाने की अनुमति देने वाली रिपोर्ट पेश करने को कहा है। सोशल नेटवर्किंग साइटों पर आपत्तिजनक चीजों को नहीं हटाने को लेकर पत्रकार विनय राय की याचिका पर सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति सुरेश कैथ ने केंद्र को यह आदेश दिया। अब गूगल इंडिया और फेसबुक इंडिया की याचिका पर 16 फरवरी को सुनवाई होगी। इससे पहले केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल के साइट्स पर अंकुश लगाने की अपील के बाद दिल्ली की एक निचली अदालत ने साइट्स को आपत्तिजनक और देश की अखंडता को ठेस पहुंचाने वाली सामग्री हटाने का आदेश दिया था। गूगल इंडिया और फेसबुक इंडिया ने विभिन्न आधारों पर निचली अदालत के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। साइट्स का कहना है कि यूजर्स द्वारा डाले जाने वाली सामग्री पर उनका कोई नियंत्रण नहीं है। इससे पहले केंद्र ने दिल्ली की एक अदालत में पेश की अपनी रिपोर्ट में कहा था कि शिकायतकर्ता विनय राय के आरोपों को साबित करने के लिए पर्याप्त साक्ष्य मौजूद हैं। शिकायकर्ता के अधिवक्ता हरिहरन ने कहा कि सोशल साइट्स का आपत्तिजनक सामग्री हटाने में लाचारी दिखाना हास्यास्पद है। हरिहरन ने कहा कि जब सोशल नेटवर्किंग कंपनियां अपने साइटों पर विज्ञापन पर नियंत्रण कर सकती हैं, तो आपत्तिजनक चीजों को क्यों नहीं हटा सकतीं। उन्होंने कहा कि गूगल यह कहकर पल्ला नहीं झाड़ सकती कि हम सोशल नेटवर्किंग साइट नहीं है, क्योंकि गूगल प्लस फेसबुक की ही तरह नेटवर्किंग साइट है। वकील ने सोशल नेटवर्किंग साइट्स के उस बयान पर भी कड़ी आपत्ति जताई, जिसमें उन्होंने कहा था कि उनके पास साइट पर मौजूद आपत्तिजनक चीजों को हटाने या डालने के दौरान ही रोकने की कोई तकनीक नहीं है।

No comments:

Post a Comment