Saturday, August 20, 2011

हाईकोर्ट ने मोदी से पूछा, क्यों नहीं नियुक्त हुआ लोकायुक्त


गुजरात में पिछले सात वर्षो से लोकायुक्त की नियुक्ति नहीं करने का मामला मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के गले की फांस बन सकता है। हाईकोर्ट सरकार की ओर से लोकायुक्त का भरोसा दिलाए जाने के बावजूद एक साल से नियुक्ति नहीं करने पर नोटिस जारी कर दस दिन में जवाब देने को कहा है। नेता विपक्ष ने मोदी को पत्र लिखकर न्यायमूर्ति मेहता को लोकायुक्त बनाने के लिए अपनी सहमति जताई है। गुजरात हाईकोर्ट ने गुजरात सरकार को न्यायाधीश एआर मेहता को लोकायुक्त नियुक्त करने की सिफारिश की थी, राज्य के महाधिवक्ता कमल त्रिवेदी ने अदालत को लोकायुक्त की जल्द नियुक्ति का भरोसा दिलाते हुए कहा था कि इस संदर्भ में परामर्श की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। सामाजिक कार्यकर्ता अमित जेठवा ने हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर गुजरात में लोकायुक्त नियुक्ति की मांग की थी। उनकी हत्या के बाद पिता भिखू भाई ने मामले को आगे बढ़ाते हुए बुधवार को एक और जनहित याचिका लगाई जिस पर गुरुवार को सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के न्यायाधीश अकील कुरैशी तथा न्यायाधीश सोनिया गोकाणी की खंडपीठ ने सरकार को नोटिस जारी कर लोकायुक्त नियुक्त नहीं करने के कारण बताने को कहा है। याचिकाकर्ता के वकील विजय नागेश ने बताया कि न्यायालय ने 29 अगस्त को शपथपत्र पेश कर जवाब देने को कहा है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शक्ति सिंह गोहिल ने कहा है कि जब मोदी सरकार भ्रष्टाचार में लिप्त नहीं है तो वह लोकायुक्त की नियुक्ति से क्यों डर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि लोकायुक्त की नियुक्ति में मुख्यमंत्री की कोई भूमिका नहीं होती। मुख्य न्यायाधीश की सिफारिश पर राज्यपाल विपक्ष के नेता से चर्चा कर इसकी नियुक्ति करता है। इसके बावजूद मोदी बिना वजह इस प्रक्रिया में शामिल होने का प्रयास कर रहे हैं।



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