Saturday, August 20, 2011

ओबीसी छात्रों को दस फीसदी कम अंकों पर मिलेगा प्रवेश


नई दिल्ली सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसले में स्पष्ट किया है कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों में ओबीसी छात्रों को सामान्य वर्ग के लिए निर्धारित न्यूनतम पात्रता अंकों से अधिकतम दस फीसदी अंकों की ही छूट मिलेगी। यह फैसला सभी केंद्रीय विवि में लागू होगा। फैसले से साफ हो गया कि ओबीसी छात्रों को प्रवेश सामान्य वर्ग के अंतिम छात्र के कट आफ अंक से दस फीसदी कम अंक पर नहीं, बल्कि सामान्य वर्ग के लिए तय न्यूनतम पात्रता अंक से दस फीसदी कम अंकों पर दिया जाएगा। विवाद यही था कि ओबीसी को प्रवेश में दी जाने वाली दस फीसदी अंकों की छूट सामान्य वर्ग के अंतिम कट आफ अंक से मानी जाए या न्यूनतम पात्रता अंक से? पीठ ने साफ किया कि संविधानपीठ के फैसले में प्रयोग कट आफ मा‌र्क्स शब्द का मतलब सामान्य वर्ग के लिए तय न्यूनतम पात्रता अंकों से है। कोर्ट ने उदाहरण दिया कि अगर सामान्य वर्ग के लिए प्रवेश के न्यूनतम पात्रता अंक 50 हैं तो ओबीसी के लिए यह मानक 45 अंक हो सकता है। संस्थान 50 से 45 के बीच कोई भी अंक तय कर सकते हैं। इस फैसले का असर 2011-2012 सत्र के उन मामलों में नहीं पड़ेगा जहां सामान्य वर्ग के अंतिम छात्र के कट आफ अंक से दस फीसदी कम पर ओबीसी छात्रो को प्रवेश दिया जा चुका है और इस वर्ग की बाकी बची सीटें सामान्य वर्ग को आवंटित हो चुकी हैं, लेकिन जहां अभी ओबीसी की सीटें बची हैं उन पर ओबीसी को ही प्रवेश दिया जाएगा।

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