Monday, August 1, 2011

सोम दा को रास नहींआई कलमाड़ी पर कोर्ट की टिप्पणी


: पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी ने शनिवार को कहा कि जेल में बंद सुरेश कलमाड़ी की ओर से लोकसभा की कार्यवाही में हिस्सा लेने की अनुमति के लिए दायर याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट का रुख संसदीय लोकतंत्र की मजबूती में सहायक नहीं है। चटर्जी ने इस मामले में अदालत की टिप्पणियों के मद्देनजर कहा कि यद्यपि न्यायिक प्रक्रिया महत्वपूर्ण है, लेकिन संसदीय कार्यवाही भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि अदालत ने अपनी टिप्पणी में कहा कि संसद में ऐसा कुछ महत्वपूर्ण नहीं होने जा रहा कि यदि आप (कलमाड़ी) संसद सत्र में हिस्सा नहीं लेंगे तो सरकार गिर जाएगी। चटर्जी ने स्पष्ट किया कि निश्चित रूप से यह निर्णय न्यायपालिका को करना है कि उन्हें संसद की कार्यवाही में भाग लेने की इजाजत दी जाए या नहीं। उन्होंने जोर देकर कहा कि संसद का प्रत्येक सदस्य किसी न किसी संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करता है। उन्होंने कहा कि जनता को कभी भी कोई समस्या हो सकती है, आज कल या फिर परसो, ऐसे में पहले जो हुआ है, उसे आगे भी लागू करना उचित नहीं है। राष्ट्रमंडल खेल आयोजन में करोड़ों रुपये के घोटालों के आरोपी कलमाड़ी ने सोमवार से शुरू होने जा रहे संसद के मानसून सत्र में भाग लेने की इजाजत मांगी थी। इस सिलसिले में दिल्ली हाईकोर्ट ने उनसे शुक्रवार को पिछले पांच वर्ष का लोकसभा में हाजिरी का ब्योरा मांगा। न्यायमूर्ति राजीव सहाय एंडलॉ ने इस बारे में कलमाड़ी से सोमवार को विस्तृत हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि मुझे संसद के सत्रों में पिछली हाजिरी का रिकार्ड दिखाएं। उन्होंने इन सत्रों के दौरान क्या योगदान दिया। उन्होंने कौन से सवाल पूछे और अब वह क्या भागीदारी चाहते हैं, जिसके लिए उन्होंने अदालत का दरवाजा खटखटाया।



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