Friday, September 30, 2011

दो बच्चों से ज्यादा पर जुर्माने-जेल की सिफारिश वापस लेने का सवाल नहीं


दो बच्चों से ज्यादा होने पर 10000 जुर्माने और तीन माह जेल की सिफारिश करने वाले उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश वीआर कृष्णा अय्यर ने विरोध के बावजूद अनुशंसाएं वापस लेने से इंकार कर दिया है। अय्यर ने कहा कि उनकी अध्यक्षता वाले आयोग की अनुशंसा के दो बच्चों के प्रावधान को वापस लेने का सवाल ही नहीं उठता। आयोग ने दो से ज्यादा बच्चे पैदा करने वाले परिवारों को सरकारी लाभों से वंचित करने का प्रावधान किया है। न्यायमूर्ति अय्यर ने कहा कि महिलाओं औरच्बच्चों के अधिकार एवं कल्याण को लेकर गठित राज्य आयोग को डरने की कोई जरूरत नहीं है। आयोग की अनुशंसा के मुताबिक गरीबी रेखा से नीचे की जिन लड़कियों की शादी 19 वर्ष की उम्र के बाद हो और 20 वर्ष की उम्र के बाद उन्हें पहला बच्चा हो, उन्हें 50 हजार रुपये नगद अनुदान दिया जाए। आयोग ने 90 पन्नों की अपनी रिपोर्ट में कहा कि वैध रूप से परिणय सूत्र में बंधने, इस संहिता के लागू होने के बाद पति-पत्नी को राज्य की ओर से मिलने वाले लाभों को प्राप्त करने की खातिर अपने बच्चों की संख्या दो रखनी होगी। कुछ ईसाई, मुस्लिम और हिंदू समुदायों ने इन अनुशंसाओं पर गंभीर आपत्ति जताई है। केरल कैथोलिक बिशप परिषद के अध्यक्ष आर्कबिशप एंड्रयूज थाजात का मानना है कि पति-पत्नी को निर्णय करना है कि वे कितने बच्चे चाहते हैं और ना तो राज्य सरकार और ना ही प्रशासन इसमें हस्तक्षेप कर सकता है।

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