Wednesday, May 18, 2011

दुर्घटना नाबालिग से हुई तो वाहन मालिक जिम्मेदार


उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को व्यवस्था दी कि अगर दुर्घटना के वक्त वाहन को कोई नाबालिग चला रहा हो तो मुआवजा अदा करने की जिम्मेदारी वाहन स्वामी की है। अदालत ने एक सड़क हादसे में मृत एक व्यक्ति के परिवार को आठ लाख रुपये का मुआवजा देने के आदेश को बरकरार रखा। शीर्ष अदालत ने कहा कि यह सुनिश्चित करना वाहन मालिक की जिम्मेदारी है कि गाड़ी का दुरुपयोग नहीं किया जाए या वाहन चलाते वक्त नियमों का उल्लंघन नहीं किया जाए। न्यायमूर्ति अल्तमस कबीर और न्यायमूर्ति सीरियाक जोसेफ की पीठ ने वाहन मालिक जवाहर सिंह की इस दलील को खारिज कर दिया कि उनके नाबालिग भतीजे जतिन ने बिना उनकी जानकारी के मोटरसाइकिल की चाबी ले ली इसलिए उन्हें जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। न्यायमूर्ति कबीर ने कहा कि अदालत इच् सच्चाई से अपनी आंखें नहीं मूंद सकता कि मोटरसाइकिल पर आए जतिन ने पीछे से दुर्घटना के शिकार व्यक्ति के स्कूटर को टक्कर मार दी। इसलिए दुर्घटना के लिए अकेले जतिन को जिम्मेदार पाया गया है। बहरहाल चूंकि जतिन नाबालिग है और यह सुनिश्चित करना याचिकाकर्ता की जिम्मेदारी थी कि उनके वाहन का दुरुपयोग नहीं हो और वो भी एक नाबालिग द्वारा जिसके पास उसे चलाने का लाइसेंस नहीं है। इसलिए मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण ने सही तौर पर मुआवजा अदा करने की जिम्मेदारी याचिकाकर्ता पर डाली है। अदालत ने सिंह की याचिका को खारिज करते हुए यह फैसला सुनाया।


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