Tuesday, July 12, 2011

खनन कंपनियों को सुप्रीम कोर्ट ने नहीं दी राहत


उच्चतम न्यायालय ने अवैध खनन रोकने के लिए कर्नाटक की येद्दयुरप्पा सरकार द्वारा की जा रही कानूनी कार्यवाही पर रोक लगाने से सोमवार को इनकार कर दिया। इन खनन कंपनियों ने अवैध खनन को रोकने के लिए कानून बनाने के राज्य सरकार के फैसले में हस्तक्षेप करने का आग्रह शीर्ष अदालत से किया था। न्यायमूर्ति आर वी रवींद्रन के नेतृत्व वाली पीठ ने खनन कंपनियों की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें राज्य सरकार के खनन का नियमन करने के लिए एक तंत्र बनाने के निर्णय को चुनौती दी गई थी। राज्य सरकार ने अदालत को सूचित किया था कि नियमन के संबंध में उपाए किए गए हैं और कर्नाटक अवैध खनन रोकथाम, परिवहन एवं भंडारण नियम को अधिसूचित किया गया है। अदालत ने इससे पहले कर्नाटक के विभिन्न बंदरगाहों पर पड़े लौह अयस्कों के निर्यात की अनुमति प्रदान कर दी थी जब अवैध खनन के आरोपों के बीच जुलाई 2010 में राज्य सरकार ने इसे बाहर भेजने पर प्रतिबंध लगा दिया था। राज्य सरकार द्वारा 26 और 28 जुलाई 2010 को लौह अयस्क के निर्यात पर रोक लगा दिया गया था। गौरतलब है कि अवैध खनन को लेकर पूर्व में सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक सरकार को जमकर फटकार लगाई थी।


पृष्ठ संख्या 06, दैनिक जागरण (राष्ट्रीय संस्करण), 12 जुलाई, 2011

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