Saturday, July 2, 2011

दो शिफ्टों में काम करेंगी अदालतें


कानून मंत्रालय ने लोगों को त्वरित न्याय दिलाने तथा विभिन्न अदालतों में लंबित 2.79 करोड़ मामलों के त्वरित निपटारे के लिए शुक्रवार से देश में नेशनल मिशन मोड नामक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम शुरू किया है। इतना ही नहीं, मुकदमों की संख्या कम करने के लिए सरकार अदालती कामकाज दो पालियों (शिफ्ट) में प्रारंभ करने के बारे में सोच रही है। इसके लिए अतिरिक्त न्यायाधीशों व अन्य कर्मचारियों की व्यवस्था का रास्ता तलाशा जा रहा है। कानून मंत्री एम वीरप्पा मोइली ने शुक्रवार को कलकत्ता हाईकोर्ट के 150 वर्ष पूरा होने के अवसर पर नेशनल मिशन मोड कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस मौके पर मोइली ने कहा, इस वक्त पूरे देश में करीब 2.79 करोड़ मामले लंबित हैं। मामलों की संख्या प्रतिदिन बढ़ रही है, जिससे फैसले लटक रहे हैं। इसीलिए अदालती कामकाज दो पालियों में शुरू करने की योजना है। इसके लिए कई जज और कर्मचारियों की आवश्यकता होगी, जिसे दूर करने की कोशिश की जा रही है। हम लोगों का मिशन है कि मामले का त्वरित निपटारा हो और लोगों को जल्द न्याय मिले। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने कहा, त्वरित न्याय के लिए अत्याधुनिक तकनीक विकसित करने के साथ ही अदालतों को संसाधनों से लैस करना होगा। उद्योग को लेकर पूरे देश में जो मामले चल रहे हैं उसका तत्काल निस्तारण होना चाहिए। राज्यपाल एमके नारायणन ने कहा, संविधान में सभी के अधिकारों की रक्षा का उल्लेख है। इसीलिए हमारे देश की न्याय व्यवस्था सबसे अधिक सुदृढ़ व विकसित है। इस मौके पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, देरी से फैसला आना न्याय न मिलने के बराबर है। इसलिए मुकदमों का शीघ्रता से निपटारा होना चाहिए। उन्होंने कहा, सूबे के 191 फास्ट ट्रैक कोर्ट न्यायाधीशों के न होने से बंद हो गए। नये जज नियुक्त कर इन्हें फिर से शुरू करने की योजना है। उन्होंने कहा, वकील आज भी पेड़ के नीचे बैठ कर कामकाज करते हैं। उनके लिए ग्रेच्यूटी और पीएफ नहीं है। बंगाल सरकार वकीलों के लिए पायलट परियोजना तैयार कर रही है, ताकि ब्रेड, मक्खन के साथ रहने का स्थान उपलब्ध हो। वकीलों के आवास के लिए जमीन देखी जा रही है, जहां एक साथ सभी अधिवक्ता सपरिवार रह सकेंगे|

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