Wednesday, July 6, 2011

दिनकरन पर चलेगा महाभियोग


 पद के दुरुपयोग के मामले में महाभियोग की कार्यवाही का सामना कर रहे सिक्किम उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश पीडी. दिनकरन को मंगलवार को सर्वोच्च न्यायालय से थोड़ी खुशी, थोड़ा गम मिला। शीर्ष अदालत ने राज्यसभा के सभापति व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी द्वारा आरोपों की जांच के लिए गठित तीन सदस्यीय समिति से वरिष्ठ अधिवक्ता पीपी राव को हटाने की दिनकरन की मांग तो मान ली, लेकिन अभी तक की जांच निरस्त करने और जांच समिति का आदेश खारिज करने की मांग ठुकरा दी। साथ ही दिनकरन मंशा पर भी सवाल उठाते हुए कहा, उन्होंने जानबूझकर जांच लटकाने के इरादे से राव के समिति में शामिल होने पर देरी से सवाल उठाया। अदालत के इस फैसले के साथ ही दिनकरन के खिलाफ जांच पर लगी रोक भी हट गयी है। राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने दिनकरन पर लगे आरोपों की जांच के लिए जनवरी 2010 में तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की है। सुप्रीमकोर्ट के न्यायाधीश आफताब आलम समिति के अध्यक्ष हैं, जबकि कर्नाटक उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जेएस खेर और सुप्रीमकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता पीपी राव सदस्य हैं। न्यायमूर्ति जीएस सिंघवी व चंद्रमौलि प्रसाद की पीठ ने जांच समिति का गत 24 अप्रैल का आदेश निरस्त करने की जस्टिस दिनकरन मांग ठुकरा दी। हालांकि पीठ ने राव पर पक्षपाती होने के आरोप को देखते राज्यसभा सभापति से अनुरोध किया है कि वे जांच समिति में पीपी राव की जगह किसी और प्रख्यात कानूनविद को शामिल करें। कोर्ट ने साफ किया कि दिनकरन के खिलाफ उच्च सदन द्वारा पारित नोटिस ऑफ मोशन में तय किए गए 12 आरोपों की जांच शुरू से नहीं होगी, बल्कि जहां तक जांच हो चुकी है उसके आगे से होगी। आरोप तय होने के स्तर से ही जांच शुरू होगी। अभी जांच समिति को आरोपों पर निर्णय लेना है, इसलिए जांच समिति में दूसरे कानूनविद के शामिल होने से जांच का काम प्रभावित नहीं होगा। पीठ ने कहा, याचिकाकर्ता (जस्टिस दिनकरन) चतुर व्यक्ति है। उसे मालूम है कि न्यायाधीश जांच नियम 1969 के तहत आरोप तय होने के तीन माह के भीतर जांच समिति के अध्यक्ष को अपनी रिपोर्ट सभापति को सौंपनी पड़ती है, इसलिए वह रिपोर्ट में देरी की हर संभव कोशिश कर रहा है। यह याचिका सिर्फ देरी करने के इरादे से दाखिल की गयी है। कोर्ट ने कहा, दिनकरन को बहुत पहले मालूम था कि राव समिति के सदस्य हैं, लेकिन उन्होंने शुरू में इस पर आपत्ति नहीं उठाई|

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