Tuesday, April 12, 2011

पैतृक फ्लैट में बहन का भी होगा हिस्सा


तीस हजारी कोर्ट ने पश्चिमी दिल्ली निवासी को आदेश दिया है कि वह अपने डीडीए के उस फ्लैट में से आधा हिस्सा बहन को दे, जो लगभग 25 साल पहले उसे उसकी मां की मौत के बाद पैतृक संपत्ति के तौर पर मिला था। यह आदेश देते हुए सिविल जज रवींद्रा कुमार पांडे ने कहा कि फिलहाल इस फ्लैट को न बेचा जाए और न ही किसी के नाम हस्तांतरित किया जाए। वह दो माह के अंदर इस फ्लैट का आधा हिस्सा अपनी बहन को दे दे। सुनैना (बदला हुआ नाम) ने एक अर्जी दायर करते हुए कहा था कि उसकी मां की मौत 1986 में हो गई थी। मां की संपत्ति के वह और उसका भाई हकदार हैं। इसलिए उसे भी फ्लैट में आधा हिस्सा मिलना चाहिए। हालांकि अदालत को इस मामले में एक तरफा आदेश देना पड़ा है क्योंकि सुनैना के भाई को बार-बार सम्मन जारी करने के बाद भी वह अदालत के समक्ष पेश नहीं हुआ। अदालत ने कहा कि सुनैना द्वारा पेश सबूतों के आधार पर यह पाया जाता है कि वह आधे फ्लैट की हकदार है। सुनैना का कहना है कि उसने भाई को बंटवारा करने के लिए कहा था परंतु उसने ऐसा नहीं किया। इतना ही नहीं उसका भाई इस फ्लैट को उसकी अनुमति के बिना की बेचना चाहता है|

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