Thursday, April 14, 2011

प्लास्टिक पैकिंग पर कोर्ट का रोक हटाने से इंकार


गुटखा व पान मसाला की प्लास्टिक पैकिंग पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक जारी रखी है और गुटखे से सेहत तथा प्लास्टिक से पर्यावरण को नुकसान का मुद्दा उठाने वाले संगठनों और स्वयं सेवी संस्थाओं को भी पक्षकार बना लिया है। हालांकि कोर्ट ने पान मसाला गुटखा उद्योग को भी पक्षकार के तौर पर शामिल करते हुए अपनी बात रखने की इजाजत दी है। बुधवार को न्यायमूर्ति जीएस सिंघवी व न्यायमूर्ति केएस राधाकृष्णन की पीठ ने रोक हटाने से इंकार करते हुए सभी अर्जीकारों की पक्षकार बनने की मांग स्वीकार कर ली। पीठ ने कहा कि वे सभी का पक्ष सुनेंगे। कोर्ट ने पर्यावरण की सुरक्षा की दृष्टि से गुटखा के अलावा बाकी उत्पादों की प्लास्टिक पैकिंग पर भी रोक लगाने की गैर सरकारी संगठन दिल्ली स्टडी ग्रुप की मांग पर सरकार से जवाब मांगा है। कोर्ट ने केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलीसिटर जनरल गोपाल सुब्रह्मण्यम से चार सप्ताह में अर्जीकारों की मांगों का जवाब देने को कहा। इसके चार सप्ताह बाद अन्य पक्षकार अपना उत्तर देंगे। पीठ ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह गत 17 फरवरी की तंबाकू के इस्तेमाल पर आई रिपोर्ट की प्रतियां दो सप्ताह के भीतर अन्य पक्षकारों को उपलब्ध कराए। इससे पहले कई पान मसाला गुटखा निर्माता कंपनियों ने अर्जी दाखिल कर मामले में पक्षकार बनाए जाने का अनुरोध किया। दूसरी ओर इंडियन डेंटल एसोसिएशन के वकील विष्णु बिहारी तिवारी ने भी स्वास्थ्य का मुददा उठाते हुए मामले में पक्षकार बनाए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि एसोसिएशन लगातार गुटखे के नुकसान के प्रति लोगों को सचेत करती है और इसके खिलाफ मुहिम चलाती है। एसोसिएशन चाहती है कि तंबाकू युक्त गुटखे व पान मसाले की बिक्री पर पूरी तरह रोक लगाई जाए। उन्होंने इसके पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने और केंद्र सरकार को ज्ञापन दिए जाने का भी हवाला दिया और कहा कि केंद्र सरकार ने उनके ज्ञापन के जवाब में कहा है कि मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। इसलिए वह कोई आदेश जारी नहीं कर सकती। पीठ ने तिवारी की दलीलें सुनने के पक्षकार बनने की उनकी मांग स्वीकार कर ली। पीठ ने 20 जुलाई को सुनवाई की तिथि तय करते हुए कहा कि तब कोई स्थगन नहीं होगा। गत 2 फरवरी को भी कोर्ट ने गुटखे की प्लास्टिक पैकिंग पर प्रतिबंध की तिथि बढ़ाने से इंकार कर दिया था और केंद्र सरकार से निर्धारित तिथि तक इस बावत अधिसूचना जारी करने को कहा था। केंद्र सरकार ने 4 फरवरी को अधिसूचना जारी कर गुटखा व पान मसाले की प्लास्टिक पैकिंग पर रोक लगा दी थी। मालूम हो कि कुछ पक्षकारों ने प्रतिबंध की अधिसूचना को भी भेदभाव वाला बताते हुए चुनौती दी है और कुछ ने प्रतिबंध के बावजूद गुटखे की प्लास्टिक पैकिंग में बिक्री जारी रहने का आरोप लगाते हुए अवमानना अर्जी दाखिल कर रखी है|

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