Sunday, January 23, 2011

यूपी की अदालतों को मुकदमों के बोझ से मिलेगी निजात


लंबित मुकदमों के बोझ से कराह रहीं प्रदेश की अदालतों को जल्दी ही इस दर्द से निजात मिल सकेगी। मंत्रिपरिषद ने शुक्रवार को राज्य मुकदमा नीति के प्रारूप को मंजूरी दे दी। राज्य मुकदमा नीति का उद्देश्य मुकदमों का निपटारा जल्दी सुनिश्चित कराना है ताकि अदालतों में वाद लंबे समय तक लंबित न रहें। उप्र में लंबित वादों की संख्या सर्वाधिक है। मुकदमों की सुनवाई और उनके निस्तारण में होने वाले विलंब को समाप्त कर न्यायपालिका के सशक्तीकरण और सुधार के लिए भारत सरकार ने राष्ट्रीय परामर्श सम्मेलन आयोजित किया था। इस सम्मेलन में विधि मंत्रालय की ओर संकल्प प्रस्तुत किया गया था। इसके तहत मुकदमों का शीघ्र निस्तारण कर अदालतों को उनके बोझ से मुक्ति दिलाने के लिए केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय मुकदमा नीति तैयार की। केंद्र ने सभी राज्यों से राष्ट्रीय मुकदमा नीति के अनुरूप राज्य मुकदमा नीति तैयार करने की अपेक्षा भी की। केंद्र के दिशानिर्देश के मद्देनजर राज्य सरकार ने राज्य मुकदमा नीति का प्रारूप तैयार किया है। न्यायिक सुधार के लिए 13वें वित्त आयोग की संस्तुतियों को लागू करने के लिए केंद्र सरकार ने 2010-15 तक के लिए 645.78 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित की है। मंत्रिपरिषद ने स्पेशल कंपोनेंट प्लान के तहत संचालित किए जा रहे जालौन, कन्नौज, सहारनपुर व अंबेडकरनगर के मेडिकल कालेजों और झांसी के पैरामेडिकल कालेज को राज्य सरकार के अधीन संचालित करने के प्रस्ताव पर भी मुहर लगा दी है। इसी तरह मंत्रिपरिषद ने वित्तीय वर्ष 2006-07 में स्पेशल कंपोनेंट प्लान के तहत खोले गए 50 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आइटीआइ) में ट्रेनिंग के लिए स्वीकृत सीटों में से 70 प्रतिशत सीटें अनुसूचित जाति/जनजाति और 15 फीसदी पिछड़ी जातियों के प्रशिक्षणार्थियों के लिए आरक्षित करने के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है। मंत्रिपरिषद ने सचिवालय में सहायक समीक्षा अधिकारी और समीक्षा अधिकारी की भर्ती के लिए कंप्यूटर का ज्ञान अनिवार्य कर दिया गया है। अब संघ लोक सेवा आयोग ही सहायक समीक्षा अधिकारी और समीक्षा अधिकारी की भर्ती करेगा, अभी तक सचिवालय प्रशासन विभाग इनकी भर्ती करता था। सहायक समीक्षा अधिकारियों के पद का ठहराव रोकने के लिए उप्र सचिवालय अधीनस्थ सेवा नियमावली-1999 में संशोधन के प्रस्ताव को राज्य मंत्रिपरिषद ने मंजूरी दे दी है। सरकारी प्रवक्ता के अनुसार सचिवालय में सहायक समीक्षा अधिकारी और समीक्षा अधिकारी की भर्ती के लिए अभी तक टाइपराइटर पर कार्य करने की गति का टेस्ट लिया जाता था पर अब कंप्यूटर के माध्यम से काम होने के कारण इसके ज्ञान को अनिवार्य किया गया है। सहायक समीक्षा अधिकारी के पद पर व्याप्त ठहराव को दूर करने तथा समीक्षा अधिकारी के पदोन्नति कोटे में सृजित किए गए 376 अधिसंख्य पदों पर किए जाने वाली पदोन्नति की कार्रवाई को लोकसेवा आयोग की परिधि से बाहर करते हुए इसे विभागीय चयन समिति के माध्यम से किए जाने का निर्णय किया गया है। सहायक समीक्षा अधिकारी के पद पर पदोन्नति के लिए विहित प्राविधानों और सहायक समीक्षा अधिकारी एवं समीक्षा अधिकारी के चयन के लिए निर्धारित योग्यता में परिवर्तन किए जाने के लिए नियमावली में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है।

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