Monday, March 21, 2011

तुरंत रेल ट्रैक खाली कराएं यूपी और केंद्र सरकार : हाईकोर्ट


जाटों के रेल रोको आंदोलन के कारण 14 दिनों से ट्रेन यातायात बाधित होने और आमजन को हो रही दुश्वारी पर इलाहाबाद हाईकोर्ट और उसकी लखनऊ पीठ ने शुक्रवार को सख्त रुख अपनाया। लखनऊ पीठ ने इस मामले का स्वत: संज्ञान लिया, जबकि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद केंद्र व राज्य सरकार को आदेश दिया है कि वह पर्याप्त फोर्स लगाकर ट्रैक तुरंत खाली कराए,ताकि ट्रेनों का आवागमन शुरू हो सके। सड़क जाम कर रहे आंदोलनकारियों को भी हटाया जाए। साथ ही अधिकारियों को आगाह किया कि वे ऐसा करने में नाकाम रहे तो सारी जिम्मेदारी उन्हीं की होगी। अदालत के निर्देश के बाद केंद्र और राज्य सरकार हरकत में आ गईं हैं। राज्य के कैबिनेट सचिव शशांक शेखर सिंह ने बताया कि सरकार आदेश अनुपालन सुनिश्चित कराएगी। मुख्यमंत्री मायावती ने प्रमुख सचिव गृह व डीजीपी के साथ बैठक की। साथ ही केंद्रीय गृह मंत्री को पत्र लिखकर मामले के शीघ्र समाधान का अनुरोध किया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जाट आंदोलन से निपटने की रणनीति बनाने के लिए शनिवार को दिल्ली में रेलवे व अ‌र्द्धसैनिक बल के आला अफसरों की बैठक आहूत की है। लखनऊ पीठ के मुख्य न्यायाधीश एफआई रिबेलो और देवीप्रसाद सिंह की खंडपीठ ने शुक्रवार को समाचार पत्रों में जाट आंदोलनकारियों द्वारा रेलमार्ग जाम रखने की छपी खबरों का स्वत: संज्ञान लेते हुए मामले को न्यायमूर्ति उमानाथ सिंह की अध्यक्षता वाली पीठ के पास भेज दिया। पीठ के तलब करने पर सायं साढ़े चार बजे प्रदेश के प्रमुख सचिव गृह और डीजीपी अदालत में उपस्थित हुए। राज्य सरकार के महाधिवक्ता ज्योतिन्द्र मिश्रा ने पीठ को बताया कि केंद्र सरकार को इस मामले में पहल करनी होगी। केंद्र की ओर से एडीशनल सालीसीटर जनरल डा.अशोक निगम ने पक्ष प्रस्तुत किया। पीठ ने दोनों को सुनने के बाद कहा, नागरिकों को आंदोलन का हक है, किंतु उन्हें जनता को कठिनाइयों में डालने का हक नहीं है। जाट आंदोलन के कारण आवागमन बाधित न हो। इसके लिए केंद्र व राज्य सरकार आवश्यक सुरक्षा बल मुहैया कराकर ट्रेनों का सुचारू संचालन सुनिश्चत करें। पीठ इस मामले पर 23 मार्च को फिर सुनवाई करेगी और यह जानेगी कि उसके आदेश पर कितना अमल हुआ? वहीं, इलाहाबाद हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति इम्तियाज मुर्तजा व एसएस तिवारी की खंडपीठ ने कु.भारती कश्यप की जनहित याचिका पर केंद्रीय गृह सचिव, उप्र के गृह सचिव, राज्य के पुलिस प्रमुख और रेलवे बोर्ड के चेयरमैन, लखनऊ और दिल्ली के महाप्रबंधकों को निर्देश दिया कि वे ट्रैक खाली कराने व ट्रेनों के सुचारु संचालन के लिए त्वरित कार्रवाई करें। साथ ही कार्यवाही की रिपोर्ट 29 मार्च को अगली सुनवाई की तिथि पर पेश करने का निर्देश दिया है।

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