Tuesday, March 1, 2011

गोधरा के 11 दोषियों को मृत्युदंड, 20 को उम्रकैद


गोधरा कांड को दुर्लभ अपराध करार देते हुए विशेष अदालत ने मंगलवार को 11 दोषियों को मृत्युदंड और 20 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इन लोगों ने 27 फरवरी, 2002 को गुजरात के गोधरा स्टेशन के करीब साबरमती एक्सप्रेस के एस-6 कोच को आग लगा दी थी। इस जघन्य वारदात में कोच में सवार 59 यात्रियों की मौत हो गई थी। सभी पीडि़त अयोध्या से लौट रहे कारसेवक थे। यहां साबरमती जेल में गठित विशेष सत्र अदालत के जज पीआर पटेल ने सुबह अदालत में पहुंचते ही गोधरा कांड में दोषी ठहराए गए 31 अभियुक्तों में 11 को अलग खड़ा कर दिया। जज ने जैसे ही उनके लिए मौत की सजा का एलान किया उनकी आंखों में आंसू आ गए। मुकदमे के विशेष सरकारी वकील जेएन पंचाल ने बताया कि अदालत ने गोधरा कांड के 31 दोषियों को 31 मिनट में सजा सुना दी। पंचाल ने बताया कि सजा के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील के लिए 90 दिन का वक्त दिया गया है। अदालत ने गत 22 फरवरी को गोधरा कांड को पूर्व नियोजित साजिश करार देते हुए 94 आरोपियों में से 31 को दोषी करार दिया था। 63 आरोपियों को बरी कर दिया गया था। बचाव पक्ष के वकील आइएम मुंशी ने कहा, हम सजा के खिलाफ निश्चित रूप से हाई कोर्ट जाएंगे। फैसले की कॉपी मिलने के बाद यह तय होगा कि 11 आरोपियों को फांसी किस आधार पर दी गई। नौ साल पहले हुए इस कांड ने राज्य को भीषण दंगों की आग में झोंक दिया था। इन दंगों में 1200 से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी। 

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