Monday, March 7, 2011

मेडिकल साझा प्रवेश परीक्षा को मिली हरी झंडी


सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआई) को इस सत्र में मेडिकल की साझा प्रवेश परीक्षा कराने की मंजूरी दे दी है। न्यायमूर्ति आरवी रवींद्रन व न्यायमूर्ति एके पटनायक की पीठ ने सोमवार को यह फैसला सुनाया। मेडिकल के स्नातक व परास्नातक पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए होने वाली साझा प्रवेश परीक्षा का नियम देश के निजी मेडिकल कालेजों पर भी लागू होगा। पीठ ने अनुमति देते हुए कहा कि इस बाबत पहले ही निर्णय लिया जा चुका है और नियम भी अधिसूचित हो चुके हैं। ऐसे में केंद्र सरकार और एमसीआई साझा प्रवेश परीक्षा करा सकते हैं। इससे पहले एमसीआई की ओर से पेश वकीलों ने पीठ को बताया कि पिछले साल 13 अगस्त को साझा प्रवेश परीक्षा कराने का निर्णय लिया गया था और दिसंबर में इस बाबत नियम भी अधिसूचित किए जा चुके हैं। मालूम हो कि गत वर्ष एमसीआई ने अर्जी दाखिल कर सुप्रीम कोर्ट से मेडिकल के स्नातक और परास्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए साझा प्रवेश परीक्षा कराने की अनुमति मांगी थी। लेकिन केंद्र ने राज्यों के विरोध का हवाला देते हुए अनुमति नहीं दी थी। उस समय केंद्र सरकार ने कोर्ट से कहा था कि वह राज्यों के साथ इस बारे में विचार-विमर्श कर रही है। उच्चतम न्यायालय ने 18 दिसंबर को अंतरिम आदेश में एमसीआई को साझा प्रवेश परीक्षा के नियम अधिसूचित करने की अनुमति दे दी थी। पीठ ने कहा था कि एमसीआई को नियम अधिसूचित करने में लंबित मामला आड़े नहीं आएगा। गौरतलब है कि राज्य सरकारें इस मामले में तीव्र विरोध कर रही थीं और उन्होंने इसके लिए केंद्र पर भरपूर दबाव बना रखा था।

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