Thursday, February 3, 2011

दो दिन में बनाएं गुटखा पैकिंग के नए नियम


सुप्रीम कोर्ट ने गुटखा व तंबाकू उत्पादों की पैकेजिंग के नए नियम अधिसूचित करने के लिए कुछ और समय देने से इंकार कर दिया। कोर्ट ने केंद्र सरकार से दो दिन के भीतर नियम अधिसूचित करने को कहा है। मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने 7 दिसंबर को गुटखा, पान मसाला और तंबाकू उद्योग को एक मार्च 2011 से प्लास्टिक पाउच में उनके उत्पादों की बिक्री पर रोक लगाने का निर्देश दिया था और सरकार से कहा था कि इन पाउचों की सामग्री के निरीक्षण की जांच एक स्वतंत्र एजेंसी को सौंपे जो उपभोक्ताओं में होने वाले इसके जोखिम का आकलन करे। कोर्ट ने केंद्र सरकार से इस बीच पैकेजिंग के नए नियम अधिसूचित करने को कहा था जिसकी समय सीमा 4 फरवरी को समाप्त हो रही है। न्यायमूर्ति जीएस सिंघवी व न्यायमूर्ति ए.के. गांगुली की पीठ ने बुधवार को कुबैर खैनी व अन्य गुटखा तथा तंबाकू उत्पादकों की मांग पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार से यह बात कही। इससे पहले वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने पीठ से कहा कि कोर्ट प्लास्टिक पाउच में गुटखा व खैनी की बिक्री पर लगाई गई रोक की समय सीमा बढ़ा दें। उन्होंने कहा कि अब तक केंद्र सरकार ने नए नियम अधिसूचित नहीं किए हैं, ऐसे में उन्हें नहीं मालूम कि एक मार्च से क्या करना है। उनका तो कारोबार ठप हो जाएगा। उनकी दलीलों पर कोर्ट ने केंद्र सरकार के वकील से नए पैकेजिंग नियम अधिसूचित करने के बारे में पूछा। सरकार ने बताया कि विचार विमर्श चल रहा है। सरकार के वकील ने कोर्ट से कुछ और समय बढ़ाने का अनुरोध किया, लेकिन कोर्ट ने साफ इंकार करते हुए कहा कि सितंबर 2009 से विचार- विमर्श चल रहा है। एक साल चार महीने बीत चुके हैं, और कितना समय चाहिए। वे समय सीमा नहीं बढ़ाएंगे। अभी दो दिन बाकी बचे हैं, सरकार इस बीच अधिसूचना जारी करे। कोर्ट 10 फरवरी को इस मामले में फिर सुनवाई करेगा।


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