अयोध्या में विवादित स्थल के स्वामित्व संबंधी मुकदमे पर इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद मुद्दे को आपसी सहमति से सुलझाने की कोशिश में लगे हाशिम अंसारी ने भी अब सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला कर लिया है। स्वामित्व संबंधी मुकदमे में सबसे पुराने पक्षकार हाशिम अंसारी ने कहा कि मामले को अदालत से बाहर निपटाने के सारे प्रयास विफल हो चुके हैं। इसीलिए सुप्रीम कोर्ट में अपील जरूरी हो गई है। पिछले वर्ष सितंबर में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ का फैसला आने के बाद से ही हाशिम अन्य पक्षकारों से संपर्क कर इस विवाद को आपसी सहमति से निपटाने के प्रयासों में लगे थे। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य एवं वरिष्ठ अधिवक्ता जफरयाब जिलानी ने अंसारी के निर्णय की पुष्टि करते हुए कहा कि उनकी अपील सोमवार को दायर हो सकती है। वह सुन्नी वक्फ बोर्ड की अपील की ही लाइन पर होगी। अंसारी से पहले सुन्नी वक्फ बोर्ड, हाफिज सिद्दीकी और मिर्जाउद्दीन के अलावा श्रीराम लला, निर्मरेही अखाड़ा और हिंदू महासभा 30 सितंबर के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट में अपील कर चुके हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने फैसले में रामलला विराजमान के वर्तमान स्थल को उनका जन्मस्थान मानते हुए शेष विवादित भू-भाग को रामलला विराजमान, निर्मोही अखाड़ा और सुन्नी वक्फ बोर्ड के बीच बराबर भागों में बांटने को कहा था।
No comments:
Post a Comment