Monday, February 21, 2011

जनहित में भू-उपयोग बदलना गलत नहीं: सुप्रीम कोर्ट


उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि किसी अच्छे कार्य के लिए भूमि को दूसरे काम में इस्तेमाल में लाना अवैध नहीं माना जा सकता जब तक कि इसका मकसद जनहित में हो। न्यायमूर्ति दलवीर भंडारी और न्यायमूर्ति दीपक वर्मा की पीठ ने बंबई उच्च न्यायालय के एक फैसले को दरकिनार करते हुए यह व्यवस्था दी। उच्च न्यायालय ने इस आधार पर एक चैरिटेबल ट्रस्ट को किए गए भूमि आवंटन को रद कर दिया था कि उसने आवंटन के मूल उद्देश्य के विपरीत जमीन का इस्तेमाल बदल दिया। यह मामला चैरिटेबल ट्रस्ट प्रगति महिला मंडल के एक निर्माण कार्य से जुड़ा है जिसमें संस्था वित्तीय समस्या के कारण वादे के अनुसार कन्या विद्यालय का निर्माण नहीं कर सकी और उसने लड़कियों और कामकाजी महिलाओं के लिए कम दरों पर रहने के लिए छात्रावास बनवाया था। उच्च न्यायालय ने एक जनहित याचिका पर कार्रवाई करते हुए आवंटन को रद कर दिया था। उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ संस्था ने शीर्ष न्यायालय में अपील दाखिल की थी। जिसे स्वीकार करते हुए उच्चतम न्यायालय ने कहा, यह सभी को पता है कि लड़कियों और महिलाओं को अपने शहर से बाहर जाने के बाद सुरक्षित और सही आवास को खोजने में काफी समस्याएं और कठिनाई होती है।

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