Wednesday, February 23, 2011

संपत्ति जब्ती कानून को पटना हाईकोर्ट की हरी झंडी


 पटना यह भ्रष्टाचारियों के लिए बहुत बुरी खबर है। पटना हाईकोर्ट ने भ्रष्टाचार के जरिए अर्जित संपत्ति को जब्त करने के लिए राज्य सरकार द्वारा बनाए गए कानून को हरी झंडी दे दी है। कोर्ट ने इस बारे में बुधवार को अपना फैसला सुनाया। उसने इकट्ठे आठ अधिकारियों द्वारा दायर वह याचिका खारिज कर दी, जिसमें इस कानून को अवैध ठहराने का आग्रह किया गया था। सरकार ने आय से अधिक संपत्ति रखने वाले अधिकारियों को सम्पत्ति से बेदखल करने के लिए बिहार स्पेशल कोर्ट्स एक्ट 2009 बनाया है। इसके सहारे अवैध रूप से सम्पत्ति रखने वाले अधिकारियों की जायदाद जब्त कर उसका सार्वजनिक कार्यो में इस्तेमाल करने की बात है। इसको ले भ्रष्टाचारियों में बैचेनी थी। वे इस कानून को खारिज कराने कोर्ट की शरण में गए थे। मगर उन्हें राहत नहीं मिली। कोर्ट ने इस एक्ट में आंशिक संशोधन कर इसे सख्ती से लागू करने की अनुमति दे दी है। कोर्ट ने एक्ट की धारा 17 एवं 19 को संशोधित करते हुए कहा है कि पीसी एक्ट एवं स्पेशल कोटर््स एक्ट पर ट्रायल चलाने वाले एक ही न्यायिक अधिकारी नहीं होने चाहिए। इससे न्यायिक अधिकारी पूर्वाग्रह से ग्रसित हो सकते हैं। न्यायालय ने साफ कर दिया है कि अवैध रूप से संपत्ति अर्जित करने वालों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून एवं बिहार स्पेशल कोटर््स एक्ट के तहत एकसाथ मुकदमा चल सकता है, लेकिन संपत्ति अर्जित करने का आरोप गलत पाये जाने पर ऐसे अधिकारी की संपत्ति को लौटाते समय 5 प्रतिशत के सूद की दर पर रुपया नहीं लौटा कर बैंककी दर पर राशि वापस करनी होगी। एक्ट में 5 प्रतिशत ब्याज दर से पैसा लौटने की व्यवस्था है। न्यायाधीश शिवकीर्ति सिंह एवं न्यायाधीश डा.रविरंजन की खंडपीठ ने कानून की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर लंबी सुनवाई करने के बाद 3 जनवरी को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था

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