Wednesday, March 30, 2011

दहेज कानून के दुरुपयोग को रोकने के लिए मांगे सुझाव


 केंद्र सरकार दहेज के नाम पर महिला उत्पीड़न से संबंधी कानून (धारा 498-ए) के बढ़ते दुरुपयोग को रोकने के लिए इसमें संशोधन करने की सोच रही है। विधि आयोग ने कानून में परिवर्तन के बारे में जनता की राय जानने के लिए एक परामर्श प्रपत्र जारी किया है। सर्वोच्च न्यायालय, उच्च न्यायालयों द्वारा दहेज उत्पीड़न के संबंध में दिए गए फैसलों और विभिन्न मंचों पर इस संबंध में आवाज उठाए जाने के बाद हाल ही में गृह मंत्रालय ने विधि आयोग से आग्रह किया था कि वह बताए कि दहेज से संबंधित कानून (धारा 498-ए) में क्या संशोधन किए जाएं जिससे इस कानून का दुरुपयोग रोका जा सके। सरकार को कानूनी मसलों पर सलाह देना वाला विधि आयोग इस मामले में सरकार को अपने रिपोर्ट देने से पहले जनता, गैर सरकारी संगठनों और बार काउंसिलों की राय जानना चाहती है। भारतीय दंड संहिता की धारा 498-ए के तहत दहेज के नाम पर महिला को प्रताडि़त करना संज्ञेय और गैर जमानती अपराध है। इस संबंध में शिकायत मिलने पर पुलिस प्रताडि़त महिला के पति और उसके ससुराल पक्ष (सास, ससुर, नंद, देवर आदि) के लोगों को गिरफ्तार कर सकती है। इस कानून के बढ़ते दुरुपयोग को लेकर शीर्ष न्यायालय ने कई बार टिप्पणी की है। साथ ही कानून में संशोधन की जरूरत बताई थी। विधि आयोग ने अपने परामर्श प्रपत्र में शीर्ष अदालत की उस टिप्पणी को शामिल किया है जिसमें कहा गया है कि दहेज उत्पीड़न की शिकायतों में से ज्यादातर अतिरंजित दिखाई पड़ते हैं। यह प्रवृत्ति बहुत से मामलों में दिखाई पड़ती है। प्रपत्र के मुताबिक, शीर्ष अदालत ने पति और उसके निकट सहयोगियों को ऐसे मामलों में फंसाने की सामान्य प्रवृत्ति को कानून का दुरुपयोग करार दिया है। प्रपत्र में कहा गया है कि महिला और बाल विकास मंत्रालय समेत विभिन्न स्तरों पर इस कानून के पैरोकार भी बहुत हैं। उनका मानना है कि धारा 498ए को बरकरार रखा जाना चाहिए, क्योंकि यह महिलाओं खासकर समाज के उत्पीडि़त वर्ग को सुरक्षा प्रदान करती है। यदि संशोधन के साथ कानून को हल्का किया गया तो इसमें समाहित सामाजिक उद्देश्य खत्म हो जाएगा|

1 comment:

  1. 498-a KO BARKRAR RAKHA JAYE, YADI ISE KHATAM KIYA JATA HAI TO YAH MAHILAO KE LIYE SURAKSHA KA KAWACH KHATAM HO JAYEGA AOR PURUSH WARG,SASURAL PAKSH MAHILA KO ADHIK YATNAYE DEGE.

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